जिसे देखो उस ओर भाग रहा हैं
Inspirational poetry
Jise dekho us or bhag raha hai
जिसे देखो उस ओर भाग रहा हैं
सच कह दो तो
आँखे तान रहा हैं
गफलत सी जिन्दगी हो गयी हैं’
फिर भी सीना ठोक रहा हैं
क्यों भला इंसान अनजाना हो रहा
खुद के है लड़खड़ाते कदम
और ज़माने को सभाल रहा
नजरो की शर्म बची नही
जोश जिन्दगी का
धुआं धुआं हो गया
होश जब आया तो एहसास हुआ
जिन्दगी का साथ
कही पीछे ही छुट गया